UP Government Employees Salary: उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है. इसके तहत सरकारी कर्मचारियों को अपनी चल-अचल संपत्ति (Movable and Immovable Property) का ब्योरा देना अनिवार्य कर दिया गया है. यदि कोई कर्मचारी 31 अगस्त 2024 तक अपनी संपत्ति की जानकारी नहीं देता है, तो उसकी अगस्त महीने की सैलरी (Salary) रोक दी जाएगी. यह आदेश राज्य के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह (Manoj Kumar Singh) ने 17 अगस्त को जारी किया. यह आदेश पिछले साल अगस्त में जारी हुए आदेश का एक अनुसरण है.
संपत्ति विवरण की समय सीमा 31 अगस्त
यूपी सरकार (UP Government) ने पिछले साल 18 अगस्त को सरकारी कर्मचारियों के लिए संपत्ति ब्योरा देने का आदेश जारी किया था. इसमें कहा गया था कि सभी सरकारी कर्मचारी 31 दिसंबर 2023 तक अपनी चल-अचल संपत्ति का विवरण अनिवार्य रूप से दें. अगर कोई कर्मचारी इस आदेश का पालन नहीं करेगा, तो उसे प्रोमोशन (Promotion) नहीं मिलेगा. सरकार का कहना है कि इससे सिस्टम में पारदर्शिता (Transparency) आएगी और भ्रष्टाचार (Corruption) को कम किया जा सकेगा.
मानव संपदा पोर्टल पर जानकारी देना अनिवार्य
कर्मचारियों को अपनी संपत्ति की जानकारी मानव संपदा पोर्टल (Human Resource Portal) पर जमा करनी है. पहले के आदेश के बाद कई बार समयसीमा (Deadline) बढ़ाई गई. बीती 6 जून को समयसीमा को 30 जून तक बढ़ाते हुए सरकार ने कहा था कि संपत्ति की जानकारी नहीं देने वाले कर्मचारियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (Disciplinary Action) नियमावली-1999 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद समयसीमा को एक बार फिर 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया था.
संपत्ति ब्योरा देने में ढिलाई पर सैलरी कटौती
हाल ही में जारी 17 अगस्त के आदेश में कहा गया है कि हालांकि सरकार ने कई बार समयसीमा बढ़ाई, फिर भी संपत्ति का विवरण देने वाले कर्मचारियों की संख्या (Number of Employees) काफी कम है. मुख्य सचिव ने कहा है कि मानव संपदा पोर्टल पर शुरुआत में आई दिक्कतों के कारण समयसीमा बढ़ाई गई थी. अब 31 अगस्त तक जानकारी नहीं देने वालों की सैलरी काटी जाएगी. यह आदेश सभी विभागों और जिलाधिकारियों (District Magistrates) को भेजा गया है.
पिछला आदेश और इसका पालन
इकनॉमिक टाइम्स (Economic Times) की रिपोर्ट के अनुसार राज्य सरकार ने इसी तरह का आदेश साल 2010 में भी जारी किया था. उस समय कई अधिकारियों और कर्मचारियों ने इसका उल्लंघन किया था. इसलिए अब सरकार ने संपत्ति की जानकारी देने को अनिवार्य बना दिया है. पिछले आदेश में यह भी कहा गया था कि राज्य सरकार के नोटिस में आया था कि कुछ कर्मचारी अपनी संपत्ति की जानकारी जमा नहीं कर रहे हैं.
संपत्ति का विवरण न देने पर कड़ी कार्रवाई
अधिकांश मामलों में कर्मचारियों ने अपनी संपत्ति बेचे या खरीदी जाने की जानकारी नहीं दी. इसके कारण नियम का उल्लंघन करने पर कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई (Strict Action) की जाएगी. यूपी सरकार (UP Government) का यह कदम पारदर्शिता और ईमानदारी को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है. ताकि सरकारी कर्मचारियों के बीच भ्रष्टाचार को कम किया जा सके.