चंद माह बाद बिजली की रीडिंग लेने के लिए मीटर रीडर की जरूरत नहीं पड़ेगी। बिजली का बिल मोबाइल पर ही आएगा। बिजली विभाग ने स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। पहले चरण में बिजली घरों के फीडर और ट्रांसफार्मरों के बाहर लगने वाले मीटरों को बदलकर स्मार्ट मीटर लगाने का काम किया जा रहा है।
सामान्य प्री पेड मीटर की जगह स्मार्ट मीटर
महीने के अंतिम सप्ताह से सामान्य प्री पेड मीटर बदलकर स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। राजधानी में बीस हजार से अधिक प्री पेड मीटर के उपभोक्ता हैं। यही नहीं सोलर रूफ टॉप वाले जिन उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर नहीं लगे हैं। उनके यहां भी यह स्मार्ट मीटर लगेंगे। कुल मिलाकर आने वाले समय में सभी उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगने से मीटर रीडर का काम खत्म हो जाएगा।
स्मार्ट मीटर का बेहतर रिजल्ट
बिजली विभाग का दावा है कि स्मार्ट मीटर सामान्य मीटर से अच्छा रिजल्ट देंगे। वर्तमान में लखनऊ में दो लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगे हैं। जबकि उपभोक्ता 12 लाख के आसपास हैं। ऐसे में यहां करीब दस लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इसके अलावा बरेली में दो लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगे हैं।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की योजना
मध्यांचल के अंतर्गत आने वाले 19 जिलों में 94 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। इनमें चार लाख स्मार्ट मीटर पहले ही लग चुके हैं। अब नब्बे लाख उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम किया जाएगा। वर्तमान में इंटेल स्मार्ट को स्मार्ट मीटर लगाने का काम दिया गया है। इंटेल ने मीटर लगाने वाली आठ कंपनियों को चुना है। जिनमें जीनस, सिक्योर, इप्पल टोन सहित पांच अन्य हैं।
सोलर रूफ टॉप और स्मार्ट मीटर की संगति
स्मार्ट मीटर लगने के बाद अगर उपभोक्ता भविष्य में सोलर रूफ टॉप लगवाता है, तो यही मीटर काम आ जाएगा। उसे अतिरिक्त पैसे खर्च नहीं करने पड़ेंगे। साथ ही इसकी एक खासियत यह भी है कि इसे प्रीपेड से पोस्टपेड और पोस्टपेड से प्रीपेड में बदला जा सकेगा।
बकाया बिल पर तेजी से री-कनेक्शन
वर्तमान में जिन उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट मीटर लगे हैं। अगर वह बिल जमा नहीं करते हैं, तो बिजली कट जाती है। उपभोक्ता द्वारा बिल जमा करने के बाद कभी-कभी स्मार्ट मीटर री-कनेक्ट करने में परेशानी होती है। अब दावा किया जा रहा है कि एकीकृत व्यवस्था की जाएगी और री-कनेक्ट आसानी से हो जाएगा।
स्मार्ट ऐप से चार्ज होंगे मीटर
स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ता को प्रीपेड मीटर रिचार्ज करने के लिए बिजली उपकेंद्र के काउंटर नहीं जाना पड़ेगा। स्मार्ट ऐप के माध्यम से उपभोक्ता अपनी जरूरत के हिसाब से इसे रिचार्ज कर सकेगा।
स्टोर रीडिंग की समाप्ति
शहर में हजारों की संख्या में ऐसे भी उपभोक्ता हैं, जो बिजली तो खूब खर्च करते हैं लेकिन बिल अपने हिसाब से जमा करते हैं। अब यह नहीं चलेगा। उपभोक्ता जो बिजली खर्च करेगा वह स्मार्ट मीटर के माध्यम से सीधे सर्वर पर जाएगी। जिससे उपभोक्ता रीडिंग में घालमेल नहीं कर पाएंगे। यही नहीं नियमित रूप से लोड ज्यादा दिखने पर नियमानुसार लोड बढ़वाना पड़ेगा। इससे ट्रांसफार्मर क्षमता के अनुसार चलेंगे और खराब कम होंगे।
बिजली बिलिंग की पारदर्शी व्यवस्था
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निदेशक योगेश कुमार ने बताया कि मध्यांचल के 90 लाख उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाने का काम जल्द ही शुरू करने जा रहे हैं। इससे बिजली बिलिंग की व्यवस्था पारदर्शी हो जाएगी। मीटर लगाने का काम कई महीने चलेगा।