डाहर-पानीपत टोल प्लाजा पर एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है। जहां भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के एक पूर्व विज्ञानी वीरेंद्र सिंह लाठर की कार से जो कि उनके घर पर ही खड़ी थी, टोल टैक्स काट लिया गया। 30 जुलाई को दोपहर के समय वीरेंद्र सिंह को अपने मोबाइल पर टोल टैक्स कटने का संदेश मिला। जबकि उनकी कार करनाल में उनके निवास पर ही खड़ी थी। इस घटना से हैरान वीरेंद्र सिंह ने इस मामले की शिकायत पुलिस से की है।
पूर्व विज्ञानी का संघर्ष और अज्ञानता का विरोध
वीरेंद्र सिंह लाठर ने बताया कि जब उन्होंने यह संदेश देखा, तो उनकी पहली प्रतिक्रिया यह थी कि शायद उनकी कार चोरी हो गई है। लेकिन जब उन्होंने जांच की तो पाया कि कार उनके घर में ही खड़ी हुई थी। वीरेंद्र सिंह ने इस बारे में एनएचएआई से संपर्क करने की कोशिश की।
लेकिन उन्हें कोई सहायता नहीं मिल पाई। उन्होंने बताया कि उनके कुछ परिचितों के साथ भी पहले ऐसा हो चुका है। जहां टोल प्लाजा कर्मी पुराने वाहनों के रिकॉर्ड के आधार पर गलती से टैक्स काट लेते हैं।
तकनीकी खामियां और उनके समाधान
एनएचएआई के एक अधिकारी ने स्वीकार किया कि कभी-कभी टोल प्लाजा पर वाहनों के गुजरने के बाद मैसेज देर से मिलता है। इस कारण से वाहन मालिक को टोल टैक्स कटने का संदेश देरी से पहुंचता है। जो भ्रम और चिंता का कारण बन सकता है। इस संभावना की जांच करने के लिए वीरेंद्र सिंह ने अपने बैंक स्टेटमेंट की भी जांच की। जिससे पता चला कि वाकई में उनके खाते से राशि कटी थी।
सरकारी वाहनों के साथ हो रही समस्याएं
असंध के एसडीएम की सरकारी गाड़ी का मामला भी सामने आया है। जहां उनकी गाड़ी से टोल टैक्स कट गया था। जबकि सरकारी वाहनों के लिए टोल टैक्स मुक्त होता है। इस घटना के बाद एसडीएम ने तुरंत शिकायत दर्ज कराई और टोल टैक्स की राशि वापस कर दी गई। यह घटना तकनीकी खामियों के प्रति सतर्कता और शिकायत निवारण प्रणाली की मजबूती को दर्शाती है।