Tharparkar Cow: थारपारकर गाय जो राजस्थान के थार मरुस्थल क्षेत्र में पाई जाती है. अपनी दूध उत्पादन क्षमता (milk production capacity), गर्मी सहनशीलता (heat tolerance) और रोग प्रतिरोधक क्षमता (disease resistance) के लिए प्रसिद्ध है. यह नस्ल दिन में लगभग 15 से 18 लीटर दूध देती है, जो किसानों के लिए एक आय का बड़ा स्रोत बनती है.
दूध उत्पादन और किसानों के लिए लाभ
थारपारकर गाय का दूध उत्पादन इसे एक मूल्यवान नस्ल बनाता है. इसका ज्यादा दूध उत्पादन क्षमता (high milk yield) इसे विशेष रूप से लाभदायक बनाती है. जिससे किसानों को अधिक मुनाफा (increased profit) होता है. इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण यह आसानी से बीमार नहीं पड़ती. जिससे उपचार पर खर्च कम होता है.
थारपारकर गाय की रोग प्रतिरोधकता
थारपारकर गाय की रोग प्रतिरोधकता (disease resistance) इसे गर्म और शुष्क जलवायु में भी जीवित रहने में मदद करती है. इसकी कीमत भी इसकी क्वालिटी और उत्पादन क्षमता के आधार पर होती है, जो 20 हजार रुपए से लेकर 60 हजार रुपए तक हो सकती है.
पालन-पोषण और खान-पान
थारपारकर गाय का पालन-पोषण (care and maintenance) अपेक्षाकृत आसान और सस्ता होता है. यह सामान्य आहार पर निर्भर करती है, जिससे इसके रख-रखाव की लागत कम होती है और किसान कम समय में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.
थारपारकर गाय की नस्ल को संरक्षित
थारपारकर गाय की नस्ल को संरक्षित (conservation efforts) करने के लिए सरकार और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं. इनमें नस्ल की शुद्धता बनाए रखने, बेहतर पालन-पोषण और अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना शामिल है.