इंडो-नेपाल बॉर्डर पर स्थित महराजगंज जिले में आज से स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी। इस नई पहल के अंतर्गत बिजली विभाग द्वारा पहले फीडर में और बाद में ट्रांसफॉर्मरों पर स्मार्ट मीटर लगाया जाएगा। अंतिम चरण में उपभोक्ताओं के घरों में ये मीटर स्थापित किए जाएंगे। जिससे बिजली आपूर्ति की प्रक्रिया और भी सुविधाजनक और तेज हो जाएगी।
बिजली उपभोग में नई तकनीक का योगदान
महराजगंज जिले में 4.67 लाख बिजली उपभोक्ता हैं, जो अक्सर शिकायत करते हैं कि समय पर बिजली का बिल नहीं आता। इसके अलावा बिल जमा करने में भी काफी समय लगता है। विद्युत विभाग को भी बकाया बिल की राशि जमा करवाने में कठिनाइयाँ आती हैं। स्मार्ट मीटर के आगमन से यह समस्याएँ कम हो जाएंगी। क्योंकि ये मीटर रिचार्ज पर तत्काल बिजली आपूर्ति को सक्षम बनाएंगे और बकाया भुगतान की प्रक्रिया को भी सरल बनाएंगे।
स्मार्ट मीटर लगाने की आर्थिक योजना
गोरखपुर-बस्ती मंडल में स्मार्ट मीटर लगाने के लिए डिस्कॉम ने एक बड़ी राशि निर्धारित की है, जो कि 2663 करोड़ रुपये है। इस बड़े निवेश से स्पष्ट है कि सरकार बिजली वितरण प्रणाली में सुधार को प्राथमिकता दे रही है। इस काम के लिए नोएडा की एक कंपनी को ठेका दिया गया है, जो कि इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाने का प्रयास करेगी।
उपभोक्ता के लिए स्मार्ट मीटर के लाभ
स्मार्ट मीटर से बिजली का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को यह सुविधा मिलेगी कि वे अपने मोबाइल से ही मीटर को रिचार्ज कर सकते हैं और उसे रिचार्ज करने के कुछ ही मिनटों में बिजली आपूर्ति बहाल हो जाती है। यदि किसी उपभोक्ता का बिजली बिल बकाया है, तो स्मार्ट मीटर उस बकाया राशि को किस्तों में काट लेगा और शेष राशि से बिजली का उपयोग होगा।
विभागीय अधिकारी का बयान और योजना
अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण मंडल महराजगंज, वाईपी सिंह के अनुसार “जिले में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य एक अगस्त से शुरू होगा। टेंडर प्रक्रिया सम्पन्न हो चुकी है। इसके पूरा होने पर बिजली बिल की समस्या का स्थायी समाधान हो जाएगा।” इस योजना से न केवल बिजली विभाग को बकाया राशि की वसूली में सहायता मिलेगी। बल्कि उपभोक्ताओं को भी बिजली का उपयोग करने में आसानी होगी।