Ration dealers strike: राजस्थान राज्य में राशन डीलरों की हड़ताल ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लाभार्थियों के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. डीलरों का कहना है कि उनकी लंबित मांगों को सरकार द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है. जिसके चलते उन्होंने 1 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है.
राशन विक्रेता संघर्ष समिति की मुख्य मांगें
राजस्थान राज्य राशन विक्रेता संघर्ष समिति के तहत 27 हजार राशन डीलर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. उनकी मांगें में 30,000 रुपये मासिक मानदेय, 2 प्रतिशत छीजत, बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए डोर टू डोर राशन वितरण योजना की समाप्ति, और 8 महीने से लंबित कमीशन का भुगतान शामिल हैं.
अनोखे प्रदर्शन की तैयारी
संघर्ष समिति के अध्यक्ष सरताज अहमद का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगों को 5 अगस्त तक पूरा नहीं करती है, तो वे 5 अगस्त को तहसील से लेकर उपखंड मुख्यालयों पर कटोरा लेकर प्रदर्शन करेंगे. इस प्रदर्शन का उद्देश्य सरकार का ध्यान उनकी समस्याओं की ओर खींचना है.
सरकार की निष्क्रियता
राशन डीलरों का कहना है कि उनकी हड़ताल के बावजूद सरकार ने उनके साथ वार्ता के लिए कोई पहल नहीं की है. यह स्थिति उन्हें और भी अधिक निराश कर रही है और वे अपने प्रदर्शन को और अधिक उग्र बनाने की सोच रहे हैं.
आगे की रणनीति और संभावनाएं
राशन डीलर संघर्ष समिति के सदस्यों ने सरकार से अपील की है कि वह उनकी मांगों पर ध्यान दे और उन्हें पूरा करे ताकि राज्य के नागरिकों को खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ बिना किसी बाधा के मिल सके. इस हड़ताल से न केवल राशन डीलरों की आजीविका प्रभावित हो रही है. बल्कि आम जनता के लिए भी खाद्य सुरक्षा की गारंटी में व्यवधान पैदा हो रहा है. ऐसे में यह आवश्यक है कि सरकार और संघर्ष समिति के बीच संवाद स्थापित हो और सामंजस्यपूर्ण हल निकले.