Property Rights: यदि आपकी जमीन या संपत्ति (property protection) पर किसी ने बिना आपकी अनुमति के कब्जा कर लिया है, तो आपके पास उन्हें हटाने के लिए समय सीमा होती है. अगर आप इस समय सीमा के भीतर कार्यवाही नहीं करते हैं, तो आप अपनी संपत्ति का मालिकाना हक खो सकते हैं. इसलिए संपत्ति की निगरानी और उसकी सुरक्षा के लिए सक्रिय रहना चाहिए.
सर्वोच्च न्यायालय का निर्णायक फैसला
2019 में सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court ruling on property) ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया जिसमें कहा गया कि अगर कोई व्यक्ति बिना किसी विरोध के लंबे समय तक अचल संपत्ति पर कब्जा जमाए रखता है, तो वह उस संपत्ति पर मालिकाना हक दावा कर सकता है. इसे अधिकृत कब्जे के रूप में मान्यता दी जाती है.
किसे मिलेगा मालिकाना हक?
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court guidelines on property) ने निर्दिष्ट किया है कि यदि कोई व्यक्ति किसी अचल संपत्ति पर निर्धारित समयावधि (आमतौर पर 12 वर्ष) से अधिक समय तक निर्विघ्न रूप से कब्जा जमाए रखता है, तो उसे उस संपत्ति का मालिक माना जा सकता है. इस अवधि के बाद वैध मालिक के पास कब्जे को चुनौती देने का अधिकार समाप्त हो जाता है.
कानूनी संरक्षण और अधिकार
भारतीय कानून के अनुसार अगर किसी ने वैधानिक समयावधि के भीतर संपत्ति का दावा नहीं किया है, तो कब्जाधारी को कानूनी तौर पर संपत्ति का मालिक माना जा सकता है. यह केवल निजी संपत्ति (private property laws) के लिए लागू होता है. जबकि सरकारी संपत्ति पर यह नियम लागू नहीं होता.
कैसे करें अपनी संपत्ति की रक्षा?
संपत्ति के मालिकों को चाहिए कि वे नियमित रूप से अपनी संपत्ति का निरीक्षण करें और यदि कोई अवैध कब्जा पाया जाता है तो तत्काल कानूनी कार्रवाई करें. इससे न केवल उनकी संपत्ति सुरक्षित रहेगी. बल्कि किसी भी अनाधिकृत कब्जे को वैध दावे में बदलने से रोका जा सकेगा.