Pranjal Dahiya Dance: अलीगढ़ नुमाइश में कोहिनूर मंच पर हरियाणवी सिंगर प्रांजल दहिया ने अपनी गायकी और अदाओं से सभी को मोहित कर दिया. उनकी प्रस्तुति ने न केवल युवाओं बल्कि हर आयु वर्ग के दर्शकों का दिल जीत लिया. प्रांजल की आवाज़ में वो जादू है जो श्रोताओं को अपने संगीत में बांधे रखता है. उनका फेमस गाना “हाय मेरो बालम थाणेदार चलावे जिपसी” (Haryanvi song “Hi Mero Balam Thanedar”) पर जब उन्होंने परफॉरमेंस दी तो पूरे पंडाल में जोश और उत्साह का माहौल देखने को मिला.
हरियाणवी संगीत का जादू
प्रांजल दहिया ने न केवल अपने फेमस गानों पर ठुमके लगाए बल्कि उन्होंने “बेबी मेरे बड्डे पर तुम क्या दिलवाओगे” और “ब्रेकअप हो जाएगा खाली हाथ जो आओगे” (Haryanvi hit songs) जैसे अपने अन्य हिट गानों की भी परफॉरमेंस दी. इन गानों पर दर्शकों ने खड़े होकर तालियां बजाईं और सीटियां बजाकर उनका उत्साह बढ़ाया. इससे साबित होता है कि हरियाणवी संगीत की अपनी एक विशेष पहचान है और प्रांजल इसे नए स्तर पर ले जा रहे हैं.
दर्शकों की फरमाइश पर डांस और गीत
उत्साहित फैंस ने प्रांजल दहिया से कई गानों पर परफॉर्म करने की फरमाइश की. उन्होंने “मन्ने देख के हांसे देख के खांसे…” और “हाय गर्मी, हाय गर्मी” (popular Haryanvi dance songs) जैसे गानों पर शानदार डांस प्रस्तुत किया. इसके बाद उन्होंने “ओ साकी-साकी रे…”, “फिर कोई परवाना यहां जो जान पे अपनी खेलेगा…” और “आयो रे शुभ दिन आयो रे…” जैसे लोकप्रिय हरियाणवी गानों पर भी परफॉर्म किया. जिससे संगीत की रंगीनियत में और इजाफा हो गया.
दर्शकों की प्रतिक्रिया
प्रांजल दहिया के परफॉरमेंस ने उन्हें और अधिक लोकप्रिय बना दिया है. उनके गाने “जिपसी…” और “बावन गज का दामन…” पर लोगों ने जमकर डांस किया और अपनी पसंद के गानों की फरमाइश की. यह दर्शाता है कि प्रांजल दहिया की गायकी और परफॉरमेंस में वह खासियत है जो युवाओं को उनकी ओर आकर्षित करती है और उन्हें हरियाणवी संगीत के प्रति और अधिक समर्पित बनाती है.