हरियाणा सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए। उन लोगों के लिए एक नई सुविधा प्रदान की है, जो 20 साल से अधिक समय से सरकारी जमीन और मकान-दुकानों पर काबिज हैं। इस नई पहल के तहत सरकार ने मालिकाना हक के लिए आवेदन की समय सीमा को 30 सितंबर तक बढ़ा दिया है। आइए जानें कि इस फैसले से किस प्रकार से आपको फायदा हो सकता है और कैसे आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
सरकारी संपत्तियों पर काबिज लोगों के लिए खुशखबरी
हरियाणा सरकार की इस नई योजना का मुख्य उद्देश्य उन नागरिकों को राहत प्रदान करना है जो लंबे समय से सरकारी संपत्तियों पर बसे हुए हैं और उन्हें मालिकाना हक दिलाना है। यह योजना विशेषकर उन लोगों के लिए है जिनके पास अपनी जमीन नहीं है और जो वर्षों से सरकारी जमीन पर किराये, लीज या तहबाजारी के तहत रह रहे हैं। इस नीति से न केवल उनकी आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित होगी। बल्कि वे सम्मानित नागरिक के रूप में अपने अधिकारों का प्रयोग कर सकेंगे।
नई नीति के अंतर्गत कौन कौन सी संपत्तियां आएंगी?
शहरी स्थानीय निकाय राज्यमंत्री, सुभाष सुधा के अनुसार इस नई नीति के अंतर्गत सभी सरकारी संपत्तियां जो 20 वर्ष या उससे अधिक समय से किराये, लीज या तहबाजारी के तहत किसी व्यक्ति या निजी संस्था के कब्जे में हैं। उन्हें मालिकाना हक दिया जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह से विधिक रूप से संचालित की जाएगी और सभी आवेदकों को विधिवत रूप से उनकी संपत्तियों का हक दिया जाएगा।
आवेदन की प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज
आवेदन की प्रक्रिया बेहद सरल है और यह पूरी तरह से ऑनलाइन की जा सकती है। आवेदकों को सरकारी पोर्टल पर जाकर अपनी संपत्ति से संबंधित सभी जानकारियां भरनी होंगी और निम्नलिखित दस्तावेज अपलोड करने होंगे:
- व्यक्तिगत पहचान पत्र (जैसे कि आधार कार्ड, वोटर ID आदि)
- संपत्ति पर कब्जे के प्रमाण (जैसे कि बिजली बिल, पानी का बिल आदि)
- पिछले 20 साल के कब्जे का इतिहास दर्शाने वाले दस्तावेज
- लीज या किराया अनुबंध (यदि उपलब्ध हो)