कोरोना महामारी के दौरान भारतीय रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली विशेष छूटों को वापस ले लिया था. इस निर्णय का विपक्ष द्वारा काफी विरोध किया गया. लेकिन सरकार ने अपने फैसले पर अडिग रहते हुए इन छूटों को बहाल नहीं किया. इस बदलाव ने न केवल वरिष्ठ नागरिकों में निराशा उत्पन्न की. बल्कि इसे लेकर चर्चाएं भी जोरों पर रहीं.
संसद में उठे सवाल और सरकार का जवाब
हाल ही में संसद में इस मुद्दे को लेकर फिर से चर्चा हुई. जहां केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया कि सरकार ने रेलवे टिकटों पर दी जाने वाली छूटों को लेकर कुछ नया निर्णय नहीं लिया है. मंत्री ने बताया कि रेलवे 2022-23 में सभी यात्रियों को किफायती सेवाएं प्रदान करने के लिए 57 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दे चुकी है, जो कि किराए के 46 प्रतिशत के बराबर है.
रेलवे द्वारा दी जा रही सब्सिडी
रेल मंत्री ने यह भी बताया कि रेलवे द्वारा दी गई इस सब्सिडी का लाभ सभी यात्रियों को मिल रहा है. इसके अलावा दिव्यांगजन, मरीज और विद्यार्थियों जैसी विशेष श्रेणियों के लिए भी अतिरिक्त छूटें दी जा रही हैं. जिससे उनकी यात्रा अधिक सुगम और सस्ती हो सके. इस प्रकार रेलवे समाज के हर वर्ग को समान रूप से लाभ पहुंचाने की कोशिश में जुटा हुआ है.
छूटों को फिर से लागू करने पर चर्चा
सरकार ने संसद में स्पष्ट किया कि वह छूटों को फिर से बहाल करने की योजना पर विचार कर रही है. लेकिन इस पर अंतिम निर्णय लिए जाने की प्रक्रिया अभी जारी है. इससे यह संकेत मिलता है कि भविष्य में वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुछ विशेष रियायतें फिर से शुरू की जा सकती हैं. जिससे उनकी यात्रा के खर्च में कमी आएगी और यात्रा करना अधिक सुविधाजनक होगा.