New Rail Lines: रेलवे ने राजस्थान में अपने नेटवर्क को मजबूती देने के लिए एक बड़ी योजना की घोषणा की है. इस योजना के तहत राज्य में 862 किलोमीटर नई रेल लाइनें बिछाई जाएंगी और 1441 किलोमीटर रेल लाइनों का दोहरीकरण (railway line doubling) किया जाएगा. इस पहल से राज्य में रेलवे यातायात को बढ़ावा मिलने के साथ ही यात्रियों को बेहतर सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी.
नई रेल लाइनों का विस्तार (Expansion of New Rail Lines)
राजस्थान में कई नई रेल लाइनों (new rail lines) का निर्माण होने जा रहा है. जिसमें खाटूश्यामजी से सालासर सुजानगढ़, कोटपूतली डाबला से न्यू डाबला, अजमेर के आदर्श नगर से टोंक तक चाकसू और बस्सी, अनूपगढ़ से बीकानेर, फलौदा से नागौर, मंदसौर प्रतापगढ़ से बांसवाड़ा और पिलानी से लुहारू तक की रेल लाइनें शामिल हैं. इसके अलावा बीकानेर, चूरू, डेगाना, बांगड़ग्राम, और समदड़ी बाइपास के साथ-साथ अलवर और रेवाड़ी सेक्शन से न्यू रेवाड़ी स्टेशन तक डीएफसी (Dedicated Freight Corridor) का निर्माण भी किया जाएगा.
रेलवे दोहरीकरण परियोजनाएं (Railway Doubling Projects)
जयपुर से चौमूं सामोद, जयपुर ऑर्बिटल कॉरिडोर, नारनौल-फुलेरा, उमरा देबारी, लालगढ़ जैसलमेर और राइका बाग – मारवाड़ मथानिया तक की रेल लाइनों का दोहरीकरण (railway line doubling) होगा. यह परियोजनाएं न केवल यात्रा की गति बढ़ाएंगी बल्कि यात्रियों के लिए आरामदायक और सुगम यात्रा की सुविधा प्रदान करेंगी.
कोच डिपो और फ्रेट टर्मिनल का निर्माण (Construction of Coach Depots and Freight Terminals)
रेलवे ने जयपुर के खातीपुरा, भट्टों की गली, उमरा और बीकानेर के लालगढ़ में कोच डिपो बनाने का प्रस्ताव रखा है. इसके अलावा हिरनोदा (फुलेरा), धानक्या, बरधवाल और नवलगढ़ में फ्रेट टर्मिनल (freight terminals) की भी योजना है. इन निर्माणों से रेलवे की क्षमता में सुधार होगा और माल ढुलाई की सुविधाओं में विस्तार होगा.
जयपुर ऑर्बिटल रेल कोरिडोर (Jaipur Orbital Rail Corridor)
जयपुर में रिंग रोड की तर्ज पर एक नया रिंग रेलवे (ring railway) बिछाने की योजना है. जिसे जयपुर ऑर्बिटल रेल कोरिडोर कहा जाएगा. यह कोरिडोर 70 किमी लंबा होगा और जयपुर शहर की यातायात व्यवस्था में महत्वपूर्ण सुधार करेगा.
पर्यटन और व्यापार में वृद्धि (Boost in Tourism and Trade)
इन परियोजनाओं से न केवल यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी बल्कि राज्य में पर्यटन (tourism boost) और व्यापार (trade enhancement) को भी बढ़ावा मिलेगा. खाटूश्यामजी और सालासर के बीच नई रेल लाइन से पर्यटन स्थलों की पहुंच आसान होगी और टोंक और कोटपूतली जैसे क्षेत्रों का विकास भी तेजी से होगा.