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Haryana Roadways: हरियाणा रोडवेज़ में कंडक्टर की भर्ती का इंतज़ार कर युवाओं के लिए सुनहरा मौक़ा, विभाग ने 16 डिपो में 487 पदों पर निकाली वैकेन्सी

हरियाणा रोडवेज में 487 कंडक्टरों की भर्ती की जायेगी। हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएन) से पहले चरण में 487 परिचालकों की भर्ती की जायेगी। इन परिचालकों की सेवा 6 महीने की होगी,इसके बाद इनकी सेवा का विस्तार कर दिया जायेगा। परिवहन विभाग ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम के पास मंगलवार को अपनी मांग भेज दी है। 
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Haryana Roadways: हरियाणा रोडवेज़ में कंडक्टर की भर्ती का इंतज़ार कर युवाओं के लिए सुनहरा मौक़ा

हरियाणा रोडवेज में 487 कंडक्टरों की भर्ती की जायेगी। हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएन) से पहले चरण में 487 परिचालकों की भर्ती की जायेगी। इन परिचालकों की सेवा 6 महीने की होगी,इसके बाद इनकी सेवा का विस्तार कर दिया जायेगा। परिवहन विभाग ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम के पास मंगलवार को अपनी मांग भेज दी है।

हरियाणा में 16 डिपो में कंडक्टरों की भर्ती की जाएंगी। काफ़ी लंबे समय से हरियाणा रोडवेज में कंडक्टरों की कमी हो रही थी। डिपो में कंडक्टर न होने की वजह से कई बसें खड़ी हुई हैं। सरकार के पास ड्राईवर की कमी नही है, पर कंडक्टरो की कमी काफी समय से बनीं हुई हैं।  इसलिए सरकार ने एचकेआरएन से कंडक्टरों की भर्ती कर कमी पूरी करने का फैसला किया है।

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कहां कितनी भर्तियां?

अंबाला में 32, भिवानी में 28, चंडीगढ़ में 47, दिल्ली में 23, फरीदाबाद में 41, फतेहाबाद में 34, जींद में 24, कुरुक्षेत्र में 17, कैथल में 61, पंचकूला में 19, पानीपत में 16, पलवल में 30, सोनीपत में 28, सिरसा में 63, यमुनानगर में 21 और हिसार में तीन परिचालकों की भर्ती की जायेगी।

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6 महीने के बाद मिलेगा सेवा  मे  विस्तार

परिवहन विभाग के निदेशक की तरफ से एचकेआरएन के एमडी को भेजे गए पत्र में बताया है, कि पहले चरण में केवल नियुक्ति छह माह के लिए की जायेगी। इसके बाद नियुक्त किए गए कंडक्टरों को सेवा विस्तार दिया जाऊंगा।  हरियाणा रोडवेज संयुक्त संघर्ष समिति की मंगलवार को एक बैठक बहरामपुर रोड स्थित HREC परिसर में हुई।

इसमें एचआरईसी कर्मचारियों को आने वाली दिक्कतों पर बात की गईं। प्रधान सुरेश यादव का कहना है कि जीएम से तीन बार यूनियन मिल चुकी है, लेकिन यूनियन की मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जो कर्मचारी सेवानिवृत हो चूके है, उन्हें ऑफिस के चक्कर काटने पड़ रहे है।