गाय-भैंस खरीदने का सोच रहे है तो इन बातों का कर लेना ध्यान, वरना बाद में हो सकता है पछतावा

By Vikash Beniwal

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भारत में पशुपालन का क्षेत्र न केवल विस्तार पा रहा है बल्कि यह आजीविका का एक जरूरी साधन भी बन चुका है। विशेष रूप से दुधारू पशुओं का पालन करने वाले लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है क्योंकि यह उनके लिए आर्थिक लाभ का मुख्य स्रोत साबित हो रहा है।

दुधारू पशु पालन के लाभ

दुधारू पशुओं का पालन न केवल पारंपरिक बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी काफी फायदेमंद है। ये पशु नियमित रूप से दूध उत्पादन करते हैं जो कि बाजार में आसानी से बिकता है और अच्छी कीमत पर बिकता है। इससे पशुपालकों को निरंतर और स्थिर आय होती है।

दुधारू पशु खरीदते समय सावधानियां

नए लोग जो दुधारू पशुओं का पालन शुरू करना चाहते हैं उन्हें विशेष रूप से पशुओं की नस्ल की जानकारी होनी चाहिए। अधिक दूध देने वाली नस्ल के साथ-साथ जो नस्लें रोगों के प्रति अधिक प्रतिरोधक क्षमता रखती हैं उनकी जानकारी भी बहुत जरूरी है।

पशु के स्वभाव की पहचान

यह भी जरूरी है कि पशुओं को खरीदने से पहले उनके स्वभाव की अच्छी तरह से जानकारी हो। कुछ पशु दुहते समय लात मार सकते हैं जो न केवल दुहने वाले के लिए खतरनाक हो सकता है बल्कि दूध की उत्पादन प्रक्रिया को भी प्रभावित कर सकता है।

ब्यांत और उसके फायदे

दूसरी या तीसरी ब्यांत वाले पशुओं को खरीदना अधिक फायदेमंद होता है क्योंकि इन पशुओं का स्वास्थ्य और दूध देने की क्षमता पहले से परीक्षित होती है। इन पशुओं के साथ उत्पादन जोखिम भी कम होता है।

पशु आहार की जरूरत

पशुओं के खान-पान और उनके आहार की समझ भी उतनी ही जरूरी है। सही आहार से पशुओं का स्वास्थ्य बेहतर होता है और वे अधिक दूध उत्पन्न कर सकते हैं। पशुपालन में सफलता के लिए उचित आहार और स्वास्थ्य प्रबंधन अत्यंत आवश्यक हैं।

Vikash Beniwal

मेरा नाम विकास बैनीवाल है और मैं हरियाणा के सिरसा जिले का रहने वाला हूँ. मैं पिछले 4 सालों से डिजिटल मीडिया पर राइटर के तौर पर काम कर रहा हूं. मुझे लोकल खबरें और ट्रेंडिंग खबरों को लिखने का अच्छा अनुभव है. अपने अनुभव और ज्ञान के चलते मैं सभी बीट पर लेखन कार्य कर सकता हूँ.