MNREGA DAILY EARNING: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इस योजना के तहत देश के हर कोने में लाखों लोग अपनी आजीविका के लिए निर्भर हैं। हाल ही में राज्यसभा में सीपीआई सांसद संतोष कुमार पी और आप सांसद संत बलबीर सिंह ने ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश पासवान से सवाल किया कि मनरेगा मजदूरों को विभिन्न राज्यों में कितनी धनराशि दी जाती है और उनकी मजदूरी दर क्या है। इसके साथ ही यह भी पूछा गया कि इस योजना के तहत पिछले कितने वर्षों से मजदूरी दरें तय की जा रही हैं।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में सबसे कम मजदूरी दर
ग्रामीण विकास मंत्री के जवाब से यह स्पष्ट हुआ कि पूर्वोत्तर के बाद उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मनरेगा मजदूरों को देश में सबसे कम मजदूरी दर मिलती है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में मजदूरी दर 237 रुपये प्रति दिन है, जो नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश की दर 234 रुपये से थोड़ी ही अधिक है। यह स्थिति चिंताजनक है, खासकर इसलिए क्योंकि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े और जनसंख्या घनत्व वाले राज्य में यह दर अपर्याप्त मानी जा सकती है।
हरियाणा में सबसे अधिक मजदूरी दर
दूसरी ओर हरियाणा में मनरेगा के तहत मजदूरों को देश में सबसे अधिक 374 रुपये प्रति दिन की दर से मजदूरी दी जाती है। यह दर सिक्किम के 3 जीपीएस क्षेत्रों में लागू मजदूरी दर के बराबर है। हरियाणा में उच्च मजदूरी दर का मुख्य कारण राज्य की आर्थिक स्थिति और वहां के ग्रामीण मजदूरों की मांग है। यह दर देश के अन्य राज्यों के मुकाबले काफी अधिक है। जो दर्शाता है कि वहां के मजदूरों को उनके काम का उचित मुआवजा मिल रहा है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में जारी की गई निधि
अगर हम वित्तीय वर्ष 2024-25 के आंकड़ों पर नजर डालें। तो उत्तर प्रदेश को मनरेगा के तहत 4140 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है, जो कि सभी राज्यों में सबसे अधिक है। यह राशि राज्य की विशाल जनसंख्या और रोजगार की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जारी की गई है। दूसरी ओर उत्तराखंड को इसी वित्तीय वर्ष में 217 करोड़ रुपये मिले हैं। जो कि राज्य की सीमित जनसंख्या और रोजगार की जरूरतों के हिसाब से उचित मानी जा सकती है।
पिछले पांच वर्षों में राज्यवार जारी की गई धनराशि
यदि पिछले पांच वित्तीय वर्षों (2019-20 से 2024-25) की बात करें, तो उत्तर प्रदेश को लगातार उच्चतम धनराशि जारी की गई है। 2019-20 में 4338 करोड़ रुपये, 2020-21 में 7818 करोड़ रुपये, 2021-22 में 6644 करोड़ रुपये, 2022-23 में 6572 करोड़ रुपये, 2023-24 में 7117 करोड़ रुपये और 2024-25 में 4140 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश को आवंटित किए गए। उत्तराखंड को इसी अवधि के दौरान क्रमशः 307 करोड़ रुपये, 713 करोड़ रुपये, 503 करोड़ रुपये, 434 करोड़ रुपये, 385 करोड़ रुपये और 217 करोड़ रुपये मिले।