आसमान में पायलट को कैसे पता चलता है सही रास्ता, बिना इंटरनेट के कैसे मिलती है जानकारी

By Vikash Beniwal

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How Does Pilot Find Their Route

How Does Pilot Find Their Route: हवाई जहाज में उपयोग होने वाले विशेष नेविगेशनल उपकरण पायलट को सही दिशा और रास्ता दिखाने में मदद करते हैं. इनमें सबसे प्रमुख है जीपीएस (GPS technology) जो एक सैटेलाइट-आधारित नेविगेशन प्रणाली है, जो पायलट को विमान की सटीक स्थिति बताता है. इसके अलावा ऑटो-पायलट सिस्टम और एयर नेविगेशन रेडार (air traffic control radar) भी शामिल हैं जो विमान के सुचारू और सुरक्षित संचालन में सहायक होते हैं.

रेडियो नेविगेशन सिस्टम्स

विभिन्न प्रकार के रेडियो नेविगेशन सिस्टम्स (radio navigation systems) जैसे कि VOR, DME और ADF, पायलट को सही दिशा और दूरी की जानकारी प्रदान करते हैं. ये उपकरण पायलट को ग्राउंड स्टेशनों से सिग्नल प्राप्त करने में मदद करते हैं और इसी के अनुसार विमान की दिशा और स्थिति का निर्धारण करते हैं.

फ्लाइट मैनेजमेंट सिस्टम

फ्लाइट मैनेजमेंट सिस्टम (FMS) एक एडवांस्ड कंप्यूटर सिस्टम है जो विमान के मार्ग की योजना बनाने और उड़ान को स्वचालित रूप से संचालित करने में मदद करता है. पायलट इस सिस्टम में उड़ान की जानकारी दर्ज करते हैं. जिसमें उड़ान की ऊंचाई, गति, और दिशा शामिल होती है.

एयर ट्रैफिक कंट्रोल

पायलट हवाई जहाज की उड़ान के दौरान लगातार एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC guidance) के संपर्क में रहते हैं. ATC पायलट को हवाई मार्ग, ऊंचाई और मौसम की जानकारी देता है और उड़ान मार्ग के बारे में सही दिशा-निर्देश प्रदान करता है.

इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम का उपयोग

इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) का उपयोग विशेषकर लैंडिंग के समय किया जाता है. यह सिस्टम पायलट को रनवे की दिशा में मार्गदर्शन करता है और विशेष रूप से खराब मौसम की स्थिति में बेहद महत्वपूर्ण होता है.

मौसम की निगरानी के लिए एडवांस्ड सिस्टम

वेदर रेडार और सिस्टम्स (weather radar systems) का उपयोग करके पायलट मौसम की स्थिति की निगरानी करते हैं और खराब मौसम से बचने के लिए सही दिशा में उड़ान भरते हैं. यह सिस्टम तूफान, बारिश और अन्य मौसम संबंधी खतरों के बारे में जानकारी प्रदान करता है.

एविऑनिक्स सिस्टम की महत्वपूर्ण भूमिका

आधुनिक हवाई जहाजों में लगे एविऑनिक्स सिस्टम (avionics systems) विमान के विभिन्न नेविगेशन और संचार प्रणालियों का कंट्रोल और मॉनिटरिंग करते हैं. ये सिस्टम पायलट को उड़ान के विभिन्न पहलुओं को कुशलतापूर्वक संचालित करने में सहायता करते हैं.

दृश्य संदर्भ का उपयोग

साफ मौसम में पायलट दृश्य संदर्भ (visual reference) का उपयोग करके अपनी उड़ान की दिशा निर्धारित करते हैं. यह प्रक्रिया मुख्य रूप से दिन के समय और उड़ान के शुरुआती या अंतिम चरणों में प्रयोग की जाती है.

Vikash Beniwal

मेरा नाम विकास बैनीवाल है और मैं हरियाणा के सिरसा जिले का रहने वाला हूँ. मैं पिछले 4 सालों से डिजिटल मीडिया पर राइटर के तौर पर काम कर रहा हूं. मुझे लोकल खबरें और ट्रेंडिंग खबरों को लिखने का अच्छा अनुभव है. अपने अनुभव और ज्ञान के चलते मैं सभी बीट पर लेखन कार्य कर सकता हूँ.