Ration Card: हाल ही में राशन कोटे की दुकानों पर ई-वेईंग मशीन की शुरूआत के बाद से ही राशन कोटेदारों में इस्तीफे की एक लहर देखी गई है. पांच महीने के भीतर 15 कोटेदारों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इन इस्तीफों के पीछे निजी कारणों का हवाला दिया गया. परन्तु असली कारण ई-पाश मशीन से ई-वेईंग मशीन के लिंक होने को बताया जा रहा है.
राशन वितरण प्रणाली में सुधार
ई-वेईंग मशीन को ई-पाश मशीन के साथ लिंक करने का मुख्य उद्देश्य राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाना था. इस लिंकेज की मदद से ई-पाश मशीन तब तक राशन वितरण को स्वीकृति नहीं देती. जब तक कि तौल पूरी न हो जाए. इससे फर्जीवाड़ा और अन्य अनियमितताएं कम होती हैं और वितरण प्रक्रिया में सुधार होता है.
कोटेदारों की समस्याएं और चुनौतियां
ई-वेईंग मशीन के लागू होने के बाद से कई कोटेदारों ने कमीशन में कमी और विलंबित भुगतान की समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है. कोटेदारों की एसोसिएशन ने इसे एक प्रमुख मुद्दा बनाया है और उन्होंने कमीशन को 200 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ाने की मांग की है.
सरकारी प्रतिक्रिया और कोटेदारों के लिए समाधान
सरकार ने इस समस्या पर ध्यान देने के लिए कदम उठाए हैं और विचार किया जा रहा है कि कोटेदारों की शिकायतों का समाधान कैसे किया जा सकता है. आगामी योजनाओं में संभावित सुधारों पर विचार जारी है. जिससे कि राशन वितरण की प्रक्रिया न केवल पारदर्शी हो, बल्कि कोटेदारों के लिए भी व्यवहार्य रहे.