दो निजी कंपनियों द्वारा लगाए गए बिजली मीटर उपभोक्ताओं और बिजली विभाग के अभियंताओं के लिए मुसीबत का कारण बन रहे हैं. उपभोक्ताओं को ज्यादा बिल आने की शिकायतें हो रही हैं. जिसके कारण उन्हें बार-बार बिजली उपकेंद्र के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. इससे न केवल उनका समय बर्बाद हो रहा है. बल्कि उन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. कुछ उपभोक्ता तो बकाएदारों की सूची में आ गए हैं और उनकी बिजली भी काटी जा रही है.
जानकीपुरम बिजली उपकेंद्र का मामला
जानकीपुरम बिजली उपकेंद्र के अंतर्गत आने वाले एक उपभोक्ता ने तकनीकी समस्या के कारण प्री पेड मीटर की जगह पोस्ट पेड मीटर लगवाया था. लेकिन पहले ही महीने में उनका बिल 43 हजार रुपये आ गया. उपभोक्ता ने अवर अभियंता को अपनी समस्या बताई. जिन्होंने उन्हें प्रार्थना पत्र के साथ बिजली उपकेंद्र आने को कहा.
वरिष्ठों के पास पहुंचा मामला
जब मामला वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा, तो पता चला कि उपभोक्ता का असली बिल केवल 11,600 रुपये था. बाकी की राशि बिल में इनआपरेटिव के रूप में जुड़ी हुई थी. यह तकनीकी समस्या उपभोक्ता के नियंत्रण से बाहर थी और इसका समाधान खंड स्तर पर बैठे अभियंता नहीं कर पा रहे थे. उन्हें इसके लिए मध्यांचल के अफसरों पर निर्भर रहना पड़ रहा था.
निजी कंपनियों के मीटर की समस्याएं
दो निजी कंपनियों द्वारा लगाए गए मीटरों में बार-बार समस्या आ रही है. इन समस्याओं को दूर करने का प्रयास जारी है. लेकिन इस प्रक्रिया में उपभोक्ताओं को काफी परेशानी हो रही है. निदेशक (वाणिज्य) मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड योगेश कुमार के अनुसार उम्मीद है कि एक सप्ताह के भीतर यह समस्या हल हो जाएगी.
तकनीकी समस्या का समाधान कब?
बिजली विभाग के अभियंता और वरिष्ठ अधिकारी मिलकर इस तकनीकी समस्या का समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन यह कब तक हल होगी. इसका कोई निश्चित समय नहीं बताया जा सकता. उपभोक्ताओं की परेशानियां तब तक बनी रहेंगी. जब तक इस समस्या का समाधान नहीं हो जाता.
उपभोक्ताओं की परेशानी
बिजली बिल की समस्या के कारण उपभोक्ताओं को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अधिक बिल आने से उनका बजट बिगड़ रहा है और उन्हें अनावश्यक आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है. बिजली उपकेंद्र के चक्कर लगाने से उनका समय बर्बाद हो रहा है और उन्हें मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है.
अभियंताओं की जिम्मेदारी
बिजली विभाग के अभियंता उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. लेकिन तकनीकी समस्याओं का समाधान तुरंत नहीं हो पा रहा है. जिससे उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ रही है. अभियंताओं को इस समस्या के समाधान के लिए मध्यांचल के वरिष्ठ अधिकारियों की मदद लेनी पड़ रही है.
समस्या का संभावित समाधान
निदेशक (वाणिज्य) योगेश कुमार ने कहा कि समस्या का समाधान जल्द ही किया जाएगा. लेकिन तब तक उपभोक्ताओं को धैर्य रखना होगा और अपनी समस्याओं को सही तरीके से पेश करना होगा. बिजली विभाग उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.