हर साल 15 अगस्त को भारत अपनी आजादी का जश्न मनाता है. इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान की शुरुआत की है. जिसमें सभी नागरिकों को अपने घरों पर तिरंगा फहराने और उसके साथ सेल्फी लेकर ‘harghartiranga.com’ पर अपलोड करने की अपील की गई है. इस अभियान का उद्देश्य राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान और देशभक्ति की भावना को और भी अधिक मजबूत करना है.
नेशनल फ्लैग कोड और तिरंगे के उपयोग के नियम
तिरंगे का उपयोग करते समय कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना अनिवार्य है. भारतीय ध्वज संहिता 2002 के अनुसार तिरंगे को कहीं भी फहराते वक्त उसकी केसरिया पट्टी सबसे ऊपर होनी चाहिए. इसके अलावा तिरंगा फटा हुआ या गंदा नहीं होना चाहिए. इन नियमों का उल्लंघन करना राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के तहत दंडनीय है.
कौन कर सकता है अपनी गाड़ी पर तिरंगे का प्रदर्शन?
अक्सर स्वतंत्रता दिवस पर लोग अपनी गाड़ियों पर तिरंगा फहराते हैं. लेकिन यह सबके लिए वैध नहीं है. भारतीय ध्वज संहिता 2002 के पैराग्राफ 3.44 के अनुसार केवल कुछ विशेष व्यक्तियों को ही अपनी गाड़ियों पर तिरंगा फहराने का अधिकार है. ये विशेषाधिकार केवल राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, उपराज्यपाल, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री, लोकसभा और राज्यसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों तक सीमित है.
नियमों का उल्लंघन और सजा
निजी गाड़ियों पर तिरंगा फहराना कानूनन अपराध है. अगर कोई इसका उल्लंघन करता है, तो उसे राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के तहत सजा दी जा सकती है. इस अधिनियम के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज, संविधान या राष्ट्रगान के अपमान करने पर व्यक्ति को तीन साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.
घर पर तिरंगा फहराने के नियम
नागरिकों को अपने घरों पर तिरंगा फहराने का अधिकार है. लेकिन इसके लिए भी कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है. जब भी तिरंगा फहराया जाए, तो उसे पूरे सम्मान के साथ फहराया जाना चाहिए. तिरंगे को जमीन पर या किसी गंदी जगह पर नहीं रखा जा सकता. इसके अलावा फटा या गंदा तिरंगा फहराना भी मना है.
रात को तिरंगा फहराने के नियम
पहले तिरंगे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही फहराने की अनुमति थी. लेकिन 2022 में सरकार ने इस नियम में बदलाव किया. अब तिरंगा रात के समय भी फहराया जा सकता है. बशर्ते उसे उचित सम्मान दिया जाए. तिरंगे को अब सूती, पॉलीस्टर, वूल, रेशम या खादी जैसे कपड़ों से बनाया जा सकता है और हाथ से बुना या मशीन से बना झंडा भी वैध है.