Ration Card List: बिहार में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लाभान्वित होने वाले लाभुकों के लिए महत्वपूर्ण सूचना जारी की गई है। अगर 1 अक्टूबर तक राशन कार्ड का ई-केवाईसी नहीं किया जाता है, तो उनका नाम राशन कार्ड से हटा दिया जाएगा। यह कदम खाद्यान्न वितरण में पारदर्शिता लाने और योजना का लाभ उन्हीं तक पहुंचाने के लिए उठाया गया है जो वास्तव में इसके पात्र हैं।
बिहार में ई-केवाईसी की प्रगति और इसके प्रभाव
खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह और सचिव डॉ. एन. सरवन कुमार ने पत्रकारों को इस योजना की प्रगति के बारे में जानकारी दी। वर्तमान में 8.35 करोड़ लाभुकों में से 8.04 करोड़ लाभुकों का आधार सत्यापन (Aadhaar verification) पूरा किया जा चुका है, जो कि कुल लाभुकों का लगभग 90 प्रतिशत है। इससे स्पष्ट होता है कि बिहार सरकार इस दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है।
ई-केवाईसी के फायदे और चुनौतियाँ
ई-केवाईसी प्रक्रिया को अपनाने का मुख्य उद्देश्य योजना के तहत आने वाले खाद्यान्न का सही वितरण सुनिश्चित करना है। इस प्रक्रिया से उन लोगों को बाहर किया जा रहा है जो योजना के अनुसार अपात्र हैं और नए पात्र लाभुकों को जोड़ा जा रहा है। इस प्रक्रिया के तहत अब तक 40 लाख अपात्र लोगों के नाम हटाए जा चुके हैं और 55 लाख नए लाभुकों को योजना में जोड़ा गया है।
नाम हटाने और जोड़ने की प्रक्रिया
यह जानकारी देते हुए बिहार सरकार ने स्पष्ट किया कि जो लोग योजना के लिए पात्र हैं और अब तक उनका नाम राशन कार्ड से छूट गया है। उनके नामों को फिर से जोड़ा जा रहा है। वहीं जिन अपात्र व्यक्तियों का नाम राशन कार्ड में जुड़ा हुआ था। उन्हें हटाया जा रहा है। इस प्रक्रिया से खाद्यान्न वितरण प्रणाली में सुधार हो रहा है और योजना का लाभ वास्तविक पात्र व्यक्तियों तक पहुँच रहा है।