Haryana News: हरियाणा सरकार (Haryana Govt) ने आमजन के लिए एक नई सुविधा की शुरुआत की है। जिसके अंतर्गत हिसार जिले में जाति प्रमाणपत्र को पूरी तरह पेपरलेस (paperless documentation) किया जा रहा है। अब सामान्य वर्ग के नागरिक बिना किसी भौतिक दस्तावेज़ के अपने घरों से ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (Economically Weaker Section) का प्रमाणपत्र बनवा सकेंगे। जिससे उन्हें विभिन्न सरकारी लाभों का आसानी से अधिकार मिल सकेगा।
जाति प्रमाणपत्र बनवाने की प्रक्रिया में बदलाव (Caste Certificate Reform)
हरियाणा सरकार ने जाति प्रमाणपत्र बनवाने की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए डिजिटलीकरण (digitalization) का रुख किया है। अब आवेदकों को इनकम सर्टिफिकेट जैसे पूर्व आवश्यक दस्तावेजों की जरूरत नहीं पड़ेगी। पहले जहां ग्रामीण क्षेत्रों में सरपंच और पटवारी के हस्ताक्षर अनिवार्य थे। अब यह सभी बाध्यताएँ हटा दी गई हैं, जिससे प्रक्रिया में तेजी और सुगमता आई है।
EWS सर्टिफिकेट के लिए मानदंड (EWS Certification Criteria)
आमदनी की सीमा 8 लाख रुपये या उससे कम रखी गई है। यह सुविधा मुख्य रूप से जनरल कैटेगरी (General Category) के लोगों के लिए उपलब्ध की गई है जिनके पास शहरी क्षेत्रों में 200 वर्ग गज से कम आवासीय भूमि हो। यह नया नियम ग्राहकों के लिए जटिलताओं को कम करता है और प्रमाणपत्र प्राप्ति की प्रक्रिया को त्वरित बनाता है।
सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सुविधा (Government Job Reservation)
आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10% आरक्षण (Reservation in Employment) प्रदान किया जाता है। यह व्यवस्था उन लोगों को लाभ पहुंचाती है जो ग्रामीण क्षेत्रों में 5 एकड़ से कम जमीन रखते हैं। यह नियम SC/ST और OBC कैटेगरी के लोगों पर लागू नहीं होता है। जिससे सामान्य वर्ग के लोगों के लिए अवसरों की वृद्धि होती है।
टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए सर्टिफिकेट प्राप्ति (Technology Use in Documentation)
परिवार पहचान पत्र (Family ID system) के माध्यम से आय और जाति का सत्यापन होने के बाद सभी प्रकार के सर्टिफिकेट्स अब घर बैठे बनाये जा सकते हैं। यह प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल हो गई है। जिससे पटवारी और तहसीलदार कार्यालयों की अनावश्यक भागदौड़ समाप्त हो गई है। इससे नागरिकों का समय और पैसा दोनों बचते हैं और सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता आती है।