Indian Railway: उत्तर भारत के रेलवे स्टेशन परिसरों में अवारा जानवरों का घूमना कोई नई बात नहीं है. लेकिन जब ये जानवर रेलवे के प्लेटफार्म पर नजर आएं तो यह जरूर चौंकाने वाली बात है. बीना जंक्शन जो मध्य प्रदेश का एक महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है, इसका ताजा उदाहरण है. बीना जंक्शन दिल्ली से भोपाल के बीच एक बड़ा स्टेशन है. जहां पर शताब्दी एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव होता है. इस बड़े स्टेशन पर अवारा जानवरों का खुलकर प्लेटफार्म पर घूमना सुरक्षा और स्वच्छता के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है. यहां गाय-बछड़े, कुत्ते और चूहे जैसे जानवर बेधड़क घूमते नजर आते हैं. जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
प्लेटफार्म पर जानवरों का खुलेआम घूमना
बीना जंक्शन के प्लेटफार्म पर जानवरों का खुलेआम घूमना आम बात हो गई है. मंगलवार की आधी रात को बीना जंक्शन पर जो नजारा देखा गया, उसने यात्रियों को चौंका दिया. भोपाल से आकर बीना होते हुए नई दिल्ली की ओर जाने वाली सभी ट्रेनों का ठहराव प्लेटफार्म नंबर चार और पांच पर होता है. एक परिवार जो दिल्ली जाने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रहा था. उसने देखा कि अवारा जानवर निडर होकर प्लेटफार्म पर घूम रहे हैं. उन्होंने तुरंत इन जानवरों की तस्वीरें क्लिक कर लीं. इस स्थिति में “Indian Railways” को यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा पर ध्यान देने की आवश्यकता है.
यात्रियों की जानवरों से सुरक्षा
यूं तो गाय को एक सीधा-सादा जानवर माना जाता है. लेकिन कब उसका मूड बिगड़ जाए और वह अपने सिंगों से किसी यात्री को चोट पहुंचा दे, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. इसलिए अधिकांश यात्री इनसे बचते नजर आते हैं. लेकिन कई बार जब यात्री ट्रेन का इंतजार करते हुए सो जाते हैं, तो कोई गाय उनके बगल में आराम फरमाने लगती है. उस समय बेखबर सोए हुए यात्री को इस खतरे का एहसास नहीं होता. इस तरह की स्थितियों में “Railway Safety” का सवाल उठता है, जो बहुत महत्वपूर्ण है.
कुत्तों की समस्या भी बड़ी है
बीना जंक्शन के प्लेटफार्म पर केवल गाय-बछड़े ही नहीं. बल्कि अवारा कुत्तों की भी बड़ी संख्या में उपस्थिति देखने को मिलती है. एक यात्री ने दो कुत्तों को किसी का पीछा करते हुए दौड़ते देखा और इस दृश्य को अपने मोबाइल फोन में कैद कर लिया. इस तरह की घटनाएं यात्रियों के लिए डरावनी साबित हो सकती हैं और “station cleanliness” के महत्व को उजागर करती हैं. कुत्तों का इस प्रकार प्लेटफार्म पर दौड़ना यात्रियों के लिए खतरा उत्पन्न कर सकता है और उनकी सुरक्षा पर सवाल उठाता है.
चूहों का आतंक भी कम नहीं
बीना रेलवे स्टेशन पर अवारा जानवरों के साथ-साथ चूहों का भी आतंक व्याप्त है. एक यात्री ने अपना बैग प्लेटफार्म पर रखा और बैग पर सिर रखकर सो गया. लेकिन जब वह जगा तो उसने देखा कि चूहों ने उसके बैग में छेद कर दिया था और खाने का सामान चट कर गए थे. इस घटना ने यात्री को हक्का-बक्का कर दिया. इस तरह की घटनाएं “station hygiene” और यात्रियों के सामान की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाती हैं.
बुकिंग काउंटरों पर जानवरों का कब्जा
रात के समय जब बुकिंग काउंटर पर यात्रियों की संख्या कम होती है, तो बीना जंक्शन पर अवारा जानवरों का राज रहता है. बुकिंग काउंटर का खुला एरिया इन जानवरों के लिए एक आरामगाह बन जाता है. वे यहां आराम से लेट कर, बैठ कर दिन भर का खाया-पिया पगुरा कर पचाते हैं. इस प्रकार की स्थितियों में “Passenger Experience” पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जो यात्रियों के लिए असुविधाजनक है और रेलवे प्रबंधन के लिए एक बड़ी चुनौती है.
रेलवे प्रशासन को समस्या का समाधान करना होगा
बीना जंक्शन पर अवारा जानवरों की समस्या एक गंभीर मुद्दा बन चुकी है. जिसे रेलवे प्रशासन को तुरंत सुलझाना चाहिए. प्लेटफार्म पर जानवरों का घूमना न केवल यात्रियों के लिए असुरक्षित है, बल्कि इससे “train operations” में भी बाधा उत्पन्न हो सकती है. इसलिए रेलवे प्रशासन को इस समस्या का समाधान करने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए.