Helmet on bicycle: सड़क सुरक्षा के मामले में उत्तर प्रदेश का स्थान सबसे ऊपर है. जहां हर साल हजारों लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं. इन दुर्घटनाओं में टू व्हीलर चालकों की संख्या सबसे अधिक होती है. मिर्जापुर पुलिस ने इस गंभीर समस्या को देखते हुए एक नई पहल शुरू करने का निर्णय लिया है, जिसमें साइकिल चालकों को भी हेलमेट पहनना अनिवार्य किया जाएगा. इस पहल का मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली चोटों को कम करना है, खासकर स्कूली बच्चों के बीच.
स्कूलों में हेलमेट पहनने की आदत डालने की कोशिश
मिर्जापुर पुलिस ने इस अभियान की शुरुआत स्कूलों से करने का निर्णय लिया है. 15 अगस्त से शुरू होने वाले इस विशेष अभियान के तहत सभी स्कूलों में साइकिल से आने वाले छात्रों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य किया जाएगा. पुलिस का मानना है कि अगर बच्चों को स्कूली जीवन से ही हेलमेट पहनने की आदत डाली जाए, तो यह उनके भविष्य के लिए बेहद लाभकारी साबित होगी. यह न केवल उन्हें सड़क दुर्घटनाओं से बचाएगा. बल्कि उन्हें ट्रैफिक नियमों का पालन करने की भी आदत डाल देगा.
हेलमेट पहनने से मिलेगी सुरक्षा
यातायात विभाग का मानना है कि स्कूल जाने वाले छात्रों में रोड एक्सीडेंट की घटनाएं बढ़ रही हैं और इनमें सबसे अधिक चोटें सिर पर आती हैं. हेलमेट पहनने से सिर की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी और दुर्घटनाओं में होने वाली गंभीर चोटों को कम किया जा सकेगा. इस अभियान के तहत पुलिस ने स्कूल प्रबंधकों से बातचीत की है और उन्हें छात्रों के लिए हेलमेट पहनने के महत्व के बारे में जागरूक किया है.
शुरुआत में दो स्कूलों से लिया गया वचन
मिर्जापुर पुलिस ने इस अभियान की शुरुआत करने के लिए शहर के दो स्कूलों से वचन लिया है. इन स्कूलों के छात्रों से यह वादा लिया गया है कि वे साइकिल चलाते समय हेलमेट जरूर पहनेंगे. पुलिस का मानना है कि इस पहल से बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी और उन्हें सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा सकेगा.
हाईवे पर स्कूलों के छात्रों की सुरक्षा
मिर्जापुर जिले में कई स्कूल हाईवे के किनारे स्थित हैं. जहां बड़े वाहनों की आवाजाही अधिक होती है. हाईवे पर दुर्घटनाओं का खतरा अधिक होता है और इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने यह पहल शुरू की है. यह अभियान विशेष रूप से उन छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है, जो हाईवे के किनारे से गुजरते हैं. हेलमेट पहनने से उन्हें दुर्घटनाओं में होने वाली गंभीर चोटों से बचाया जा सकेगा.