Indian Railway: रेलवे में यात्रियों की सुविधा और सुरक्षित लेन-देन के लिए डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने की दिशा में पश्चिम मध्य रेलवे ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। श्रीमती शोभना बंदोपाध्याय, महाप्रबंधक के मार्गदर्शन में इस नई तकनीक को अमली जामा पहनाया जा रहा है। जिससे न केवल यात्रियों को अधिक सुविधा होगी। बल्कि रेलवे के संचालन में भी पारदर्शिता आएगी।
क्यूआर कोड की सुविधा
नवीनतम प्रयास के अन्तर्गत रेलवे स्टेशनों पर टिकट काउंटरों पर क्यूआर कोड डिस्प्ले मशीनें लगाई गई हैं। ये मशीनें यात्रियों को कैशलेस और त्वरित भुगतान की सुविधा प्रदान करती हैं। इस व्यवस्था के जरिए यात्री अपने मोबाइल फोन से क्यूआर कोड को स्कैन करके आसानी से भुगतान कर सकते हैं। जिससे लेन-देन में समय की बचत होती है और सुरक्षा भी सुनिश्चित होती है।
खानपान और अन्य स्टालों पर डिजिटल भुगतान
पश्चिम मध्य रेलवे ने न केवल टिकट काउंटरों पर, बल्कि स्टेशनों पर स्थित खानपान स्टाल, एक स्टेशन एक उत्पाद स्टाल और अन्य सभी प्रकार के स्टालों पर भी क्यूआर कोड के माध्यम से डिजिटल भुगतान की व्यवस्था की है। यह पहल न केवल यात्री सुविधा में वृद्धि करती है बल्कि रेलवे की आय में भी पारदर्शिता लाती है।
हाथ में रखे टर्मिनल मशीनों का उपयोग
टिकट चेकिंग स्टाफ को विशेष हाथ में रखे जाने वाले टर्मिनल (एचएचटी) मशीनें दी गई हैं। जिससे वे यात्रियों से डिजिटल भुगतान आसानी से प्राप्त कर सकें। इस प्रकार की मशीनें यात्रा के दौरान टिकटों की जांच और भुगतान को अधिक सुविधाजनक बनाती हैं।
क्यूआर कोड की सुविधाएं
पश्चिम मध्य रेलवे में अब तक 254 रेलवे काउंटरों पर क्यूआर कोड मशीनें स्थापित की गई हैं। जिनमें से जबलपुर मंडल के 130, भोपाल मंडल के 09 और कोटा मंडल के 115 काउंटर शामिल हैं। यह पहल यात्रियों को न केवल आसान और सुरक्षित भुगतान की सुविधा प्रदान करती है। बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि ट्रांजेक्शन में कोई अनावश्यक देरी न हो।
भविष्य की दिशा और चुनौतियां
इस पहल के सफल क्रियान्वयन से पश्चिम मध्य रेलवे का उद्देश्य यात्रा के दौरान यात्रियों के अनुभव को और भी बेहतर बनाना है। हालांकि इस नई प्रणाली को अपनाने में शुरुआती चुनौतियां जैसे कि यात्रियों की डिजिटल साक्षरता, मोबाइल कनेक्टिविटी की समस्याएं और सुरक्षा संबंधित मुद्दे हो सकते हैं। फिर भी इन चुनौतियों का समाधान करते हुए रेलवे इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। जिससे भविष्य में यात्रियों के लिए रेल यात्रा और भी सुगम और सुखद हो सके।