भारत में फास्टैग टोल प्लाजा पर यात्रा को आसान और सुविधाजनक बनाने के लिए एक क्रांतिकारी पहल है. यह एक इलेक्ट्रॉनिक टैग है जिसे वाहनों के विंडस्क्रीन पर चिपकाया जाता है. फास्टैग के जरिए टोल चार्ज सीधे वाहन मालिक के बैंक खाते से काट लिया जाता है. जिससे टोल प्लाजा पर लंबी कतारों और कैश लेनदेन की परेशानी से मुक्ति मिलती है.
क्या है नए फास्टैग नियमों
हाल ही में फास्टैग के नियमों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं जो 1 अगस्त से प्रभावी हो गए हैं. ये बदलाव नैशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा लागू किए गए हैं और इन्हें समझना हर वाहन चालक के लिए अत्यंत जरूरी है. नए नियमों के अनुसार उपयोगकर्ताओं को अपना केवाईसी अपडेट करना होगा. जो कि 31 अक्टूबर 2024 तक किया जाना चाहिए.
केवाईसी अपडेट और वाहन जानकारी संबंधी दिशा-निर्देश
फास्टैग नियमों के नए अपडेट के अनुसार उपयोगकर्ताओं को अपने वाहन की पूर्ण जानकारी प्रदान करनी होगी. इसमें वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर, चेसिस नंबर और मालिक का मोबाइल नंबर शामिल है. नए वाहन खरीदने वाले उपयोगकर्ताओं के पास फास्टैग पर रजिस्ट्रेशन नंबर अपडेट करने के लिए 90 दिनों का समय होगा. इसके अलावा वाहन की एक स्पष्ट तस्वीर भी अपलोड करनी होगी. जिसमें वाहन का आगे का हिस्सा साफ दिखाई दे.
डेटाबेस वेरिफिकेशन का महत्व
यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि फास्टैग यूजर्स का डेटाबेस भारत की राष्ट्रीय वाहन रजिस्ट्री डेटाबेस में दर्ज जानकारी से मेल खाता हो. यदि दोनों में कोई विसंगति पाई जाती है, तो यूजर्स को आगे चलकर समस्या हो सकती है. इसलिए डेटाबेस का समय-समय पर वेरिफिकेशन करवाना चाहिए.