हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश को बेसहारा गौवंश मुक्त बनाने के उद्देश्य से ‘बेसहारा गौवंश मुक्त अभियान’ की शुरुआत की है। इस अभियान का उद्देश्य न केवल बेसहारा गायों का संरक्षण करना है बल्कि गौशालाओं को सशक्त बनाने के लिए भी अनेक बड़ी घोषणाएं की गई हैं।
गौशालाओं के लिए चारा अनुदान में वृद्धि
मुख्यमंत्री ने पंचकूला में आयोजित गौसेवा सम्मेलन में घोषणा की कि सभी गौशालाओं को प्रति गाय 4 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से चारे के लिए अनुदान राशि को बढ़ाकर 20 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया है। नंदी के लिए यह राशि 25 रुपये प्रतिदिन और बछड़ा/बछड़ी के लिए 10 रुपये प्रतिदिन कर दी गई है। यह वृद्धि 1 अगस्त 2024 से प्रभावी होगी।
बेसहारा गौवंश के लिए नगद भुगतान
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि बेसहारा गाय, बछड़ा या बछड़ी को पकड़कर अपनी गौशाला में लाने के लिए 600 रुपये प्रति गाय और 800 रुपये प्रति नंदी की दर से नगद भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा इन बेसहारा पशुओं के लिए चारा अनुदान भी दिया जाएगा: बछड़ा/बछड़ी के लिए 20 रुपये, गाय के लिए 30 रुपये और नंदी के लिए 40 रुपये प्रतिदिन।
गौशालाओं को जमीन अधिग्रहण की सुविधा
ग्राम पंचायत द्वारा पट्टे पर पंचायती जमीन देने की स्वीकृति अब सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से मिल सकेगी। ग्राम शामलात भूमि हरियाणा संशोधन नियम 2023 के तहत अब सरकार की स्वीकृति उपरांत कोई भी पंचायत अपनी पंचायती भूमि गौशाला की स्थापना के लिए 20 सालों के पट्टे पर किसी संस्थान को दे सकती है। अब तक दो गौशालाओं को यह सुविधा दी गई है, जिसमें जिला नूहूं की ग्राम पंचायत हसनपुर और रांगला शामिल हैं।
गौशालाओं को ई-रिक्शा के लिए अनुदान
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि एक हजार गायों वाली गौशाला के लिए एक ई-रिक्शा तथा इससे अधिक गायों वाली गौशालाओं के लिए दो ई-रिक्शा खरीद के लिए 1.25 लाख रुपये प्रति ई-रिक्शा दिए जाएंगे। इस अनुदान का उद्देश्य गौशालाओं की परिचालन क्षमता को बढ़ाना है।
सौर ऊर्जा प्लांट का विस्तार
प्रदेश में पंजीकृत 675 गौशालाओं में से 331 गौशालाओं में पहले ही सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने शेष 344 गौशालाओं में भी सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित करने की घोषणा की। सौर ऊर्जा प्लांट के लिए गौसेवा आयोग की तरफ से 5 प्रतिशत और हरेडा की तरफ से 85 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
वैटनरी सेवाओं की उपलब्धता
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि तीन हजार से अधिक गाय वाली गौशालाओं में सप्ताह में एक दिन सरकारी वैटनरी सर्जन और तीन हजार से कम गाय वाली गौशालाओं में सप्ताह में एक दिन सरकारी वीएलडीए गायों की जांच व उपचार के लिए दौरा करेंगे। राज्य सरकार द्वारा 70 मोबाइल पशु चिकित्सालयों की व्यवस्था की गई है। जो सप्ताह में एक दिन केवल गौशालाओं के गौवंश के उपचार, टैगिंग, टीकाकरण, गिनती आदि के लिए उपलब्ध होंगी।
किसानों को प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए जो किसान देशी गाय रखेगा। उसे प्रति गाय 30 हजार रुपये वार्षिक अनुदान दिया जाएगा। इससे किसानों को आर्थिक मदद मिलेगी और प्राकृतिक कृषि को प्रोत्साहन मिलेगा।
गौवंश संख्या की तस्दीक
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर शहर में पशु चिकित्सक, प्रशासक या सचिव नगर-निकाय तथा गौशाला के प्रतिनिधियों की समिति गौशालाओं में गौवंश संख्या की तस्दीक करेगी। शहर में जब भी बेसहारा गौवंश सड़कों पर दिखेगा। गौशालाओं को उन्हें पकड़ने हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा तथा एक आर.एफ.आई.डी टैग द्वारा इन बेसहारा गौवंश की निगरानी भी की जाएगी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि गौशालाओं की प्रापर्टी पर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लगेगा।
तीन योजनाओं के तहत अनुदान राशि
मुख्यमंत्री ने गौशाला एवं गौसदन विकास योजना के अंतर्गत गौशालाओं को वित वर्ष 2024-25 के लिए चारा अनुदान के लिए 32.73 करोड़ रुपये प्रथम किस्त के रूप में जारी किए। इसके अलावा वित वर्ष 2023-24 की बची हुई 51 गौशालाओं को 3.23 करोड़ रुपये तृतीय चारा अनुदान राशि जारी की गई। उन्होंने बेसहारा गौवंश पुनर्वास अभियान के तहत 42 पंजीकृत गौशालाओं को 29.36 लाख रुपये की राशि भी जारी की।