Lambretta नाम न केवल भारत में बल्कि विश्वभर में एक प्रतिष्ठित विंटेज स्कूटर के रूप में जाना जाता है। यह स्कूटर जब भारतीय बाजार में पहली बार लॉन्च हुआ था। तब इसने न केवल यातायात के साधन के रूप में लोकप्रियता प्राप्त की, बल्कि एक सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। यह स्कूटर आज भी उतना ही प्रिय है जितना कि दशकों पहले था और अब यह एक विंटेज स्कूटर के रूप में सम्मानित है।
लैंबरेटा का जलवा कायम
अपने शानदार लुक और स्टाइल के अलावा लैंबरेटा के फुर्तीले इंजन ने भी इसे विशेष बनाया। एक जमाने में यह हर उम्र के लोगों की पहली पसंद बन गया था। चाहे दादा हों या पोता, सभी का सपना लैंबरेटा स्कूटर रखने का होता था। इसकी शाश्वत लोकप्रियता आज भी बरकरार है। जो इसे भारतीय बाजार में एक अनूठी पहचान दिलाती है।
जिगर का छल्ला बनी
आज भी भारतीय मार्केट में लैंबरेटा के प्रति उत्साह बना हुआ है। कई लोग और वाहन संग्राहक सेकेंड हैंड मार्केट में इसकी तलाश में रहते हैं। इसकी दुर्लभता और मांग के कारण इसके मॉडलों की कीमतें आसमान छू रही हैं, जो इसकी लोकप्रियता का स्पष्ट संकेत है।
विश्वयुद्ध में शुरुआत
इस स्कूटर की शुरुआत वर्ल्ड वॉर 2 के दौरान इटली में हुई थी। फर्डिनेंडो इनोसेंटी नामक एक बिजनेसमैन ने अमेरिकी सैनिकों के लिए सस्ते और विश्वसनीय स्कूटर बनाने की शुरुआत की। इसके बाद लैंबरेटा ने विश्व स्तर पर ख्याति प्राप्त की और विभिन्न देशों में इसकी पहचान बनी।
भारत में एंट्री
1960 के दशक में लैंबरेटा ने भारतीय बाजार में प्रवेश किया। उस समय इसे 48 सीसी इंजन के साथ पेश किया गया था। 1972 में इनोसेंटी का भारतीय प्लांट ‘स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड’ के हाथों में चला गया, जो भारत सरकार की कंपनी थी।
नए अवतार में वापसी
लोगों के दिलों में बसे ‘डैड स्कूटर’ के रूप में मशहूर लैंबरेटा अब भारतीय बाजार में नए अवतार में वापसी करने वाली है। जुलाई 2024 तक इसके नए मॉडल विभिन्न वेरिएंट्स में पेश किए जा सकते हैं। जिससे यह पुराने और नए पीढ़ी के बीच एक पुल का काम करेगा।