हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज एक महत्वपूर्ण कैबिनेट मीटिंग आयोजित की जा रही है। इस मीटिंग में मुख्य चर्चा का विषय ग्रुप-सी और ग्रुप-डी के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की नीति पर होगा। इस नीति का अंतिम फैसला मंत्रियों के साथ गहन चर्चा के बाद लिया जाएगा।
कच्चे कर्मचारियों के लिए तीन मसौदों पर विचार
अधिकारियों ने तीन प्रकार की नीतियों के मसौदे तैयार किए हैं। पहला मसौदा गेस्ट टीचर्स की तर्ज पर सर्विस सिक्योरिटी एक्ट देने का है। जिसमें मानदेय कम रखने का प्रस्ताव है। दूसरा मसौदा सर्विस सिक्योरिटी एक्ट की तर्ज पर अध्यादेश का है। जिसमें समकक्ष रेगुलर कर्मचारी के न्यूनतम वेतनमान के समान एकमुश्त मानदेय देने का प्रस्ताव है। तीसरा मसौदा रेगुलराइजेशन पॉलिसी का है, जो स्थायी नियुक्ति के लिए है।
कैबिनेट मीटिंग में अनौपचारिक चर्चा
सरकार ने निर्णय लिया है कि कैबिनेट मीटिंग में विधिवत एजेंडा न ले जाकर अनौपचारिक चर्चा की जाएगी। मंत्रिमंडल यह तय करेगा कि कौन सी नीति अपनाई जाए। ताकि कच्चे कर्मचारियों को स्थायित्व मिल सके। यह निर्णय होगा कि सर्विस सिक्योरिटी एक्ट बनाया जाए। अध्यादेश जारी किया जाए या सीधे रेगुलराइजेशन पॉलिसी लागू की जाए।
अग्निवीरों को नौकरियों में आरक्षण
मुख्यमंत्री ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की थी कि हरियाणा सरकार अग्निवीरों को नौकरियों में आरक्षण देगी। अब इस प्रस्ताव को कैबिनेट मीटिंग में मंजूरी मिल सकती है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बाद हरियाणा ऐसा तीसरा राज्य होगा। जो अग्निवीरों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देगा।
पुलिस भर्ती में 10% आरक्षण का प्रस्ताव
कैबिनेट मीटिंग में पुलिस सिपाही, माइनिंग गार्ड, फॉरेस्ट गार्ड, जेल वार्डन और एसपीओ की भर्ती में 10% आरक्षण का प्रस्ताव है। इसके साथ ही ग्रुप-सी नौकरियों में 10% और ग्रुप-बी नौकरियों में 1% आरक्षण देने का फैसला किया गया है। इसके अलावा प्राइवेट इंडस्ट्री में नौकरी देने पर सरकार फैक्ट्री मालिक को 60,000 रुपये वार्षिक प्रोत्साहन राशि देगी।
आयु सीमा में छूट
अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में आयु सीमा में भी छूट दी जाएगी। पहले बैच के जवानों को पांच साल की छूट मिलेगी। जबकि अन्य को तीन साल की छूट दी जाएगी। यह प्रस्ताव कैबिनेट मीटिंग में मंजूरी के लिए रखा जाएगा।