Haryana Budhapa Pension: हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हाल ही में राज्य सरकार पर एक गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पिछली गठबंधन सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए 1100 से अधिक डिजिटल पुस्तकालय स्थापित करने की दिशा में कदम उठाया था। ये पुस्तकालय न केवल शिक्षा के संसाधनों को सुगम बनाते। बल्कि ग्रामीण युवाओं को आधुनिक शिक्षण प्रणालियों तक पहुंच प्रदान करते। हालांकि वर्तमान सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
युवा हितों में तत्काल ध्यान देने की मांग
किशन चौटाला ने इस मुद्दे को और गहराई से उठाते हुए सरकार से आग्रह किया है कि वह युवाओं के हित में डिजिटल पुस्तकालयों के विकास पर तुरंत ध्यान दें। उन्होंने बताया कि कई लाइव वीडियो और शैक्षिक सामग्रियां अभी भी अधूरी हैं, जिन्हें शीघ्र ही पूरा किया जाना चाहिए। इसकी अनदेखी से न केवल शिक्षा का स्तर प्रभावित होता है। बल्कि यह युवाओं के भविष्य के अवसरों पर भी असर डालता है।
वृद्धावस्था पेंशन को लेकर पुरानी और नई मांगें
दुष्यंत चौटाला ने वृद्धावस्था पेंशन के मुद्दे पर भी बात की। उन्होंने बताया कि पिछली गठबंधन सरकार में जब भाजपा सहयोगी थी। तब वृद्धावस्था पेंशन 2000 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये की गई थी। इस उपलब्धि को उन्होंने बहुत महत्वपूर्ण बताया जबकि भाजपा के संकल्प पत्र में इसका कोई जिक्र नहीं था। अब उनकी मांग है कि वृद्धावस्था पेंशन को बढ़ाकर 5,100 रुपये किया जाए और अगर सरकार इतनी राशि नहीं दे सकती, तो कम से कम इसे 3,500 रुपये तक तो बढ़ा ही देना चाहिए।
विपक्षी नेता का सामाजिक दायित्व
दुष्यंत चौटाला की यह मांग न केवल उनकी राजनीतिक सजगता को दर्शाती है। बल्कि यह भी बताती है कि वे समाज के प्रत्येक वर्ग के हितों को कैसे महत्व देते हैं। उनकी इन मांगों से यह स्पष्ट होता है कि वे राजनीतिक नेतृत्व में भी समाज के सबसे कमजोर वर्गों का उत्थान और उनकी बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध हैं।