दिल्ली में वाहन मालिकों को अब अपनी गाड़ी का पॉल्यूशन सर्टिफिकेट (पीयूसी) रिन्यू करवाने के लिए ज्यादा पैसे चुकाने होंगे। हाल ही में जारी एक आदेश के अनुसार वाहन के फ्यूल टाइप के आधार पर पीयूसी शुल्क में 40 प्रतिशत का इजाफा किया गया है। यह बढ़ोतरी दिल्ली में 13 साल बाद की गई है। जिससे वाहन मालिकों को अब अतिरिक्त खर्च का सामना करना पड़ेगा।
दो-पहिया और तीन-पहिया वाहनों के लिए नए शुल्क
नए नियमों के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल, सीएनजी, एलपीजी से चलने वाले दो-पहिया और तीन-पहिया वाहनों का पीयूसी शुल्क 60 रुपये से बढ़ाकर 80 रुपये कर दिया गया है। यह वृद्धि खासकर उन वाहन मालिकों के लिए महत्वपूर्ण है, जो रोजाना अपने दो-पहिया या तीन-पहिया वाहनों का उपयोग करते हैं।
चार-पहिया वाहनों के लिए नए शुल्क
चार-पहिया वाहनों के लिए भी पीयूसी शुल्क में वृद्धि की गई है। पेट्रोल, सीएनजी, एलपीजी से चलने वाले चार-पहिया वाहनों के लिए शुल्क 80 रुपये से बढ़ाकर 110 रुपये कर दिया गया है। यह वृद्धि दिल्ली के बड़े वाहन मालिकों को प्रभावित करेगी, जो अपनी गाड़ियों का नियमित रूप से उपयोग करते हैं।
डीजल वाहनों के लिए बढ़े हुए शुल्क
डीजल वाहन चालकों को अब पीयूसी के लिए 100 रुपये के बजाय 140 रुपये चुकाने होंगे। यह वृद्धि डीजल वाहनों की उच्च प्रदूषण दर को ध्यान में रखते हुए की गई है। जिससे प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयास किए जा सकें।
दिल्ली सरकार का आदेश और उद्देश्य
दिल्ली सरकार ने एक नोटिस में बताया कि नई कीमतें सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से अधिसूचित होते ही लागू हो जाएंगी। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि यह वृद्धि दिल्ली सरकार के वायु गुणवत्ता बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मेल खाती है कि सभी वाहन प्रदूषण मानकों को पूरा करें। गहलोत ने यह भी बताया कि यह वृद्धि प्रदूषण जांच सेवाओं की बढ़ती लागत को ध्यान में रखते हुए की गई है।
दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन की मांग
दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन लंबे समय से पीयूसी शुल्क में वृद्धि की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि प्रदूषण जांच सेवाओं की लागत में वृद्धि के कारण शुल्क बढ़ाना आवश्यक हो गया था। दिल्ली में 2011 के बाद से पीयूसी शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया था, जिसके कारण यह मांग उठी थी।
वायु गुणवत्ता बनाए रखने की पहल
दिल्ली सरकार का यह कदम वायु गुणवत्ता बनाए रखने के लिए उठाया गया है। वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या है और इसके नियंत्रण के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सभी वाहन प्रदूषण मानकों को पूरा करें। पीयूसी शुल्क में वृद्धि से सरकार को प्रदूषण जांच सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करने का अवसर मिलेगा।