Smart Meters: जिले में अगले एक वर्ष के भीतर 5.70 लाख विद्युत उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे. बिजली विभाग के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि इससे बकाया वसूली की परेशानी कम हो जाएगी. उपभोक्ताओं के लिए यह व्यवस्था नई चुनौतियां ला सकती है. क्योंकि अब बिजली जलाने से पहले ही उसका भुगतान करना होगा.
सरकारी कार्यालयों में स्मार्ट मीटर की शुरुआत (Smart Meters in Government Offices)
बिजली विभाग ने सबसे पहले जिले के सरकारी कार्यालयों में स्मार्ट मीटर लगाना शुरू किया है. जिला पूर्ति अधिकारी के कार्यालय में पहले स्मार्ट मीटर को स्थापित कर दिया गया है. इस योजना के तहत 250 सरकारी कार्यालयों और 600 से अधिक विभागीय कर्मियों के मीटर बदल दिए जाएंगे.
स्मार्ट मीटर की कार्यप्रणाली (How Smart Meters Work)
स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को एक प्रीपेड सेवा प्रदान करेगा. इसका मतलब यह है कि उपभोक्ताओं को पहले ही रिचार्ज करना होगा और जितनी राशि का रिचार्ज किया जाएगा. उतनी ही बिजली उपभोक्ता को मिलेगी. जैसे ही रिचार्ज की राशि खत्म होगी, कनेक्शन स्वत: कट जाएगा. यह सेवा कामर्शियल और औद्योगिक इकाइयों के लिए भी उपलब्ध होगी.
घरेलू उपभोक्ताओं पर प्रभाव (Impact on Domestic Consumers)
पहले चरण के बाद घरेलू उपभोक्ताओं के मीटर भी बदल दिए जाएंगे. इन मीटरों में बिल जमा करने की कोई सुविधा नहीं होगी. बल्कि यह पूरी तरह से प्रीपेड सेवा पर आधारित होंगे. इसका मतलब यह है कि अब बिजली जलाने के बाद बिल जमा करने की परंपरा समाप्त हो जाएगी.
रिचार्ज करने की सुविधा (Recharge Facility for Consumers)
उपभोक्ता स्मार्ट मीटर के लिए न्यूनतम 100 रुपये से रिचार्ज कर सकेंगे. रिचार्ज की सुविधा मोबाइल एप, सहज जन सेवा केंद्र, लोकवाणी और बिजली विभाग के कार्यालयों से संचालित बिल भुगतान केंद्रों से उपलब्ध होगी. इससे उपभोक्ताओं को किसी भी समय आसानी से रिचार्ज करने की सुविधा मिलेगी.
कनेक्शन और उपभोक्ता वर्ग (Consumer Classes and Connections)
जिले में कुल 5.70 लाख बिजली कनेक्शन हैं, जिनमें 4.40 लाख घरेलू उपभोक्ता शामिल हैं. इसके अलावा 650 बड़े कामर्शियल उपभोक्ता और 13,000 छोटे कामर्शियल उपभोक्ता भी हैं. नलकूप उपभोक्ताओं की संख्या 12,000 है, जो इस योजना के तहत लाभान्वित होंगे.
अधिकारियों की प्रतिक्रिया (Response from Officials)
बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता स्वदेश कुमार चौधरी ने बताया कि एक साल के भीतर सभी पुराने मीटर बदलकर स्मार्ट मीटर लगा दिए जाएंगे. यह प्रक्रिया एक सितंबर से नए कनेक्शन पर भी लागू होगी. उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी कार्यालयों में लगे स्मार्ट मीटर पोस्टपेड रहेंगे. जबकि बाकी सभी कनेक्शन प्रीपेड हो जाएंगे.
बिजली विभाग की नई पहल (Electricity Department’s New Initiative)
यह कदम बिजली विभाग की मीटरिंग व्यवस्था को पटरी पर लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है. यह न केवल विभाग को बकाया वसूली में मदद करेगा. बल्कि उपभोक्ताओं को भी समय पर भुगतान करने के लिए प्रेरित करेगा.